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दिल्ली में 60 हजार संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग से होगी खरीद-फरोख्त

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में जमीनों और संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी रोकने की दिशा में शहरी कार्य मंत्रालय ने खास पहल की है। मंत्रालय के लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एल एंड डीओ) ने एक ऐसा पोर्टल तैयार किया है, जिस पर प्रॉपर्टी के नक्शे से लेकर असली मालिक और लोकेशन आदि जानकारियां उपलब्ध रहेंगी।

ई-धरती जियो नामक पोर्टल पर 60 हजार संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग का काम तेजी से चल रहा है। इससे दिल्ली में संपत्तियों के स्टेटेस के बारे में आसानी से जानकारी हासिल हो सकेगी। संपत्तियों को खरीदने से पहले लोग पता कर सकेंगे कि कहीं मुकदमा तो नहीं चल रहा है?

दरअसल, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन आने वाले लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने बीते 21 अक्टूबर को ई-धरती जियो पोर्टल लांच किया है। इसके जरिए मालिकों को संपत्ति प्रमाणपत्र मिलना शुरू हुआ है। प्रमाणपत्र में प्रॉपर्टी के बारे में कई तरह की जानकारियां उपलब्ध रहतीं हैं।

संबंधित अधिकारियों के मुताबिक, जारी होने वाले प्रमाणपत्र में भूमि का प्रकार, संपत्ति का प्रकार, आवंटन की तिथि, संपत्ति की स्थिति, भूखंड क्षेत्र, संपत्ति का पता, वर्तमान पट्टेदार के बारे में विवरण, मुकदमेबाजी की स्थिति, साथ ही साथ भू-राजस्व संबंधी नक्शे का विवरण उपलब्ध रहता है। संपत्ति प्रमाणपत्र मात्र 1,000 रुपये के शुल्क पर उपलब्ध होगा। इसे लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस(एल एंड डीओ) की वेबसाइट पर जाकर हासिल किया जा सकता है। इस पोर्टल को तैयार करने में एनआईसी की महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा ने अहम भूमिका निभाई है।

संपत्ति की लोकेशन भी जान सकेंगे :

खास बात है कि प्रमाणपत्र के जरिए, कोई भी व्यक्ति नक्शे के साथ अपनी संपत्ति का मूल विवरण प्राप्त कर सकेगा, जिसमें संपत्ति की लोकेशन भी होगी। इससे संभावित खरीदार को संपत्ति के विवरण का पता लगाने में मदद मिलेगी। खरीदार को यह भी पता चल जाएगा कि कहीं संबंधित संपत्ति को लेकर मुकदमा आदि तो नहीं चल रहा है।

आमतौर पर विवादित संपत्तियों को खरीदने के कारण आम जन को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। इस व्यवस्था से बुजुर्ग, महिलाओं और विधवाओं को भी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में आसानी होगी और अनावश्यक मुकदमे नहीं झेलने पड़ेंगे।

60 हजार संपत्तियों का ब्यौरा हो रहा ऑनलाइन :

लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस की ओर से ई-धरती जिओ पोर्टल के साथ व्यक्तिगत संपत्तियों को जीआईएस आधारित मानचित्र के साथ कनेक्ट किया जा रहा है। लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस के पास करीब 60,000 संपत्तियां हैं, जिनमें वाणिज्यिक, आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत संपत्तियां शामिल हैं। इन 60,000 संपत्तियों में 49,000 ऐसी संपत्तियां हैं, जो पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान से विस्थापित व्यक्तियों को पट्टों पर दी गई थीं।

लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस के अधिकारियों के मुताबिक, अधिकतर संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग हो चुकी है। इन संपत्तियों का सत्यापन भी हो रहा है। इस एप्लिकेशन से आम आदमी के साथ सरकार को भी अपनी खाली पड़ी संपत्तियों की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी हो सकेगी। सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की भी स्थिति की जानकारी मिलेगी। उसकी किसी संपत्ति आदि पर कोई अतिक्रमण तो नहीं है, इस बारे में भी जानकारी मिल पाएगी।

लैंड एंड डेवपलमेंट ऑफिस अपने कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटलीकरण के अभियान में जुटा है। ऑफिस ने फ्रीहोल्ड संपत्ति के भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए एक अनूठी पहल की है। अब एक ही बार में संपत्ति का कार्यकाल लीज होल्ड से फ्री होल्ड में परिवर्तित हो जाता है। इससे वर्तमान मालिक को संपत्ति के लेन-देन में पारदर्शिता मिलेगी।

एनएनएम/एसजीके



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Digital mapping of 60 thousand properties in Delhi to be traded
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Source From
RACHNA SAROVAR
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