डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था में इस वित्त वर्ष (2020-21) में भारी गिरावट देखने को मिलेगी।अमेरिकन रेटिंग एजेंसी फिच ने अनुमान लगाया है कि भारत की अर्थव्यवस्था में माइन्स 10.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के सबसे ऊंचे आंकड़ों में से है। बता दें कि कोरोनावायरस को देखते हुए भारत में लॉकडाउन लगाया गया था। इसे अर्थव्यवस्था में गिरावट की एक बड़ी वजह माना जा रहा है।
एजेंसी फिच ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि 'हमने इस वित्त वर्ष के जीडीपी अनुमान में जून के ग्लोबल इकोनॉमी आउटलुक के मुकाबले 5 फीसदी की और कमी कर दी है.' कोरोना संकट की वजह से अप्रैल से जून की इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है। यानी जीडीपी में करीब एक-चौथाई की कमी आ गई है। इसको देखते हुए जानकार इस बात की मांग करने लगे हैं कि अर्थव्यवस्था के लिए दूसरा राहत पैकेज आना चाहिए। सरकार एक दूसरा राहत पैकेज ला सकती है, लेकिन यह शायद तब तक न हो, जब तक बाजार में कोरोना का टीका नहीं आ जाता।
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Source From
RACHNA SAROVAR
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