बीजिंग, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। चीन के सुधार और खुलेपन के बाद से, चीनी लोगों ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के नेतृत्व में अपने परिश्रम और बुद्धि के साथ देश के विकास में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। कई दशकों से, चीन के तेज विकास ने अनगिनत देशों के लिए निरंतर वृद्धि की प्रेरणा और महत्वपूर्ण अवसर दिए हैं, जिसमें अमेरिका भी शामिल है।
हालांकि, कुछ अमेरिकी राजनेताओं ने बड़ी बेशर्मी से इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया है और हास्यास्पद तर्क दिये हैं कि चीन का सुधार और खुलापन अमेरिका द्वारा चीन को दिया गया एक गुरुमंत्र है। दरअसल, अमेरिका में कुछ राजनेताओं की बेहद अस्वस्थ मानसिकता का खुलासा करने वाले इस तरह के घिनौने कृत्य अज्ञानता, राजनीतिक चाल और गुप्त उद्देश्यों के परिणाम हैं।
यह समझना चाहिए कि किसी भी देश का विकास अनिवार्य रूप से स्वयं पर निर्भर करता है, और किसी भी देश को कभी भी दूसरे देश के उद्धारकर्ता के रूप में दावा नहीं करना चाहिए। जहां तक 1.4 अरब आबादी वाले एक प्रमुख देश चीन की बात है, तो उसके लिए यह और भी ज्यादा असंभव हो जाता है कि वह अपने विकास के लिए विदेशों की खैरात पर निर्भर रहे।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने एक बार कहा था, खुलेपन से प्रगति होती है जबकि एकांतता पिछड़ेपन की ओर ढकेलता है। वाकई, चीन दुनिया से अलग-थलग नहीं हो सकता है और वैश्विक समृद्धि के लिए दुनिया को चीन की जरूरत है। यह भी मूल्यवान प्रेरणाओं में से एक है जो चीन के सुधार और खुलेपन ने दुनिया को दी है।
आज चीन की सुधार और खुलेपन की नीति की बदौलत, चीन और अमेरिका सहित विकसित देश उत्पादन कारकों के मामले में एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं और अंतत: पारस्परिक रूप से लाभकारी और परस्पर जीत, परस्पर विकास और आम समृद्धि का आनंद उठा रहे हैं। लेकिन यह भी सच है कि चीन को अपने विकास के दौरान अमेरिका से लगातार दमन और अवरोध का सामना करना पड़ा है।
1990 के दशक की शुरूआत में, अमेरिका ने चीन पर बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाये और चीन को शुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता पर हस्ताक्षरकर्ता के रूप में बहाल करने से रोका। बाद में, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चीन के प्रवेश में रोड़ा अटकाया और चीन के खिलाफ आर्थिक और व्यापार घर्षण को एकतरफा तौर पर उकसाया। जाहिर है, खुलेपन और विकास के मार्ग पर कई कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद भी चीन ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं।
दरअसल, इस तरह की उपलब्धियों का श्रेय चीनी लोगों को जाना चाहिए, जिन्होंने सीपीसी के नेतृत्व में अपने परिश्रम और ज्ञान के साथ लगातार सुधार और खुलेपन को बढ़ावा दिया है और विकास के लिए संघर्ष किया है। वैसे भी महान उपलब्धियां बुलंद नैतिकता और विशाल साहस से हासिल किये जाते हैं। चीन की आर्थिक उपलब्धियां चीन के आत्मविश्वास से प्राप्त हुई हैं, न कि विदेशी सरकारों के समर्थन या दया से।
बहरहाल, चीन का आर्थिक चमत्कार वास्तव में दिल को छूने वाले प्रयासों और कड़ी मेहनत का परिणाम है। चीन का दरवाजा न केवल अमेरिकी देशों के लिए बल्कि दुनिया के सभी देशों और क्षेत्रों के लिए खुला है। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और विश्व अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्थिरक और इंजन है।
(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप)
-- आईएएनएस
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RACHNA SAROVAR
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