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कोरोना काल में भारत ने जारी रखा कृषि उत्पादों का निर्यात : कैलाश चौधरी

नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। कोरोना महामारी के संकट काल में भी अपनी जरूरत से ज्यादा अनाज का उत्पादन कर भारत ने दुनिया के देशों को विश्व खाद्य आपूर्ति श्रंखला को निर्बाध बनाए रखने का भरोसा दिलाया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कैलाश चौधरी ने खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के एक सम्मेलन में कहा कि भारत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सामूहिक प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है और विश्व खाद्य आपूर्ति श्रंखला को निर्बाध बनाए रखने के लिए कृषि उत्पादों का निर्यात लगातार जारी रखा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए एफएओ के 35वें एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कैलाश चौधरी ने गुरुवार को कहा, हम सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास को प्रतिबद्ध हैं। भारत ने इसका ध्यान रखते हुए कृषि उत्पादों का निर्यात जारी रखा है।

कृषि मंत्रालय ने हाल ही में निर्यात के आंकड़ों के साथ बताया कि मार्च - जून 2020 की अवधि में देश से 25,552.7 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ जो कि 2019 की इसी अवधि में हुए 20,734.8 करोड़ रुपये के निर्यात की तुलना में 23.24 फीसदी ज्यादा है।

चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी का मौजूदा संकट से विश्व के साथ-साथ भारत के सामने भी कई चुनौतियां पैदा हुई हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग के एसओपी का दृढ़ता के साथ पालन करते हुए कृषि और इससे जुड़ी तमाम गतिविधियां निर्बाध तरीके से चलती रहीं।

उन्होंने कहा, प्रगतिशील कृषि विपणन सुधारों और आईटी सक्षम प्रक्रियाओं को राज्यों द्वारा गंभीरता से अपनाया गया क्योंकि हमारी पहली प्राथमिकता थोक बाजारों में भीड़-भाड़ कम करना था।

चौधरी ने कहा कि भारतीय कृषि को एक उद्यम के रूप में परिवर्तित करने की दिशा में प्रयास किया गया है।

बता दें कि कोरोना महामारी की रोकथाम के मद्देनजर जब देशव्यापी लॉकडाउन किया गया तब रबी फसलों की कटाई का सीजन चल रहा था। लिहाजा, सरकार ने फसलों की कटाई, बुवाई, विपणन समेत कृषि और इससे जुड़ी तमाम गतिविधियों को लॉकडाउन के दौरान छूट दे दी। यही वजह है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जहां देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 23.9 फीसदी की गिरावट रही, वहीं कृषि विकास दर में वृद्धि दर्ज की गई।

वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में बुनियादी मूल्य पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के तिमाही अनुमान (वर्ष 2011-12 के मूल्य पर), कृषि विकास दर 3.4 फीसदी दर्ज की गई जबकि 2019-20 की पहली तिमाही में तीन फीसदी थी।

पीएमजे-एसकेपी



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India continues export of agricultural products during Corona period: Kailash Chaudhary
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Source From
RACHNA SAROVAR
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