डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टाटा ग्रुप बनाम साइरस मिस्त्री मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टाटा ग्रुप के पक्ष में फ़ैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सायरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से हटाने के फैसले को सही ठहराया। चीफ जस्टिस अरविंद बोबड़े ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मामले से जुड़े सभी क़ानून टाटा समूह के पक्ष में हैं। वहीं कोर्ट ने शेयर का मामला सुझलाने के लिए क़ानूनी रास्ता अपनाने का फ़ैसला टाटा सन्स पर छोड़ दिया।
जानिए पूरा मामला:
- साइरस मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद टाटा ग्रुप की कमान मिली थी।
- साइरस मिस्री टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे।
- 24 अक्टूबर 2016 में उन्हें पद से हटा दिया गया था।
- मिस्त्री ने दावा किया था कि कंपनी एक्ट का उल्लंघन कर उनकी बर्खास्तगी हुई है।
- मिस्त्री ने टाटा सन्स के प्रबंधन में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया था।
- मिस्त्री की जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था।
- टाटा सन्स का कहना था, मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा ग्रुप के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा था।
- 12 जनवरी 2017 को एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए गए थे।
- विवाद के बाद ये मामला लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) पहुंचा था।
- NCLAT ने अपने आदेश में मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था।
- इस आदेश के खिलाफ टाटा सन्स पिछले साल 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट पुहंचा था।
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Source From
RACHNA SAROVAR
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