डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन की अदालत ने गुरुवार को लगभग दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया। कोर्ट ने माना की नीरव मोदी ने गवाहों को धमकाया और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की। कोर्ट के फैसले के बाद नीरव को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि उसके तुरंत भारत आने की संभावना नहीं दिख रही है। कोर्ट के फैसले के बाद नीरव मोदी के पास हाईकोर्ट में जाने का विकल्प होगा।
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट की डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी ने कहा, यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि नीरव मोदी को भारत में कई सवालों के जवाब देने हैं। भारत में जाने पर उसे दोषी करार दिए जाने की पूरी संभावना है। जज ने यह भी कहा कि नीरव मोदी की ओर से दिए कई बयान आपस में मेल नहीं खाते हैं। पहली नजर में सबूत नीरव के खिलाफ जाते हैं। कोर्ट ने कहा, इस बात के कोई सबूत नहीं है कि अगर उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया जाता तो उनके साथ न्याय नहीं होगा। भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष है। कोर्ट ने मानसिक सेहत को लेकर नीरव की ओर से लगाई गई याचिका को ठुकरा दिया है।
बता दें कि 48 वर्षीय हीरा व्यापारी, लगभग 2 बिलियन डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले का आरोपी है। मुंबई में PNB की ब्रैडी हाउस ब्रांच में नीरव मोदी और उसके रिश्तेदारों ने मिलकर 13,000 करोड़ से ज्यादा के घोटाले को अंजाम दिया था। इसके बाद नीरव मोदी समेत घोटाले में लिप्त अन्य रिश्तेदार देश छोड़कर चले गए। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स के जरिए कई सालों तक लोन लेकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था। जनवरी 2018 में घोटाले का खुलासा हुआ था। भारत की अपील पर प्रत्यर्पण वारंट जारी होने के बाद लंदन पुलिस ने 19 मार्च को उसे गिरफ्तार किया था।
.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
Source From
RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS
Post a Comment