नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने गुरुवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपने रोलओवर जोखिम और इंटरकनेक्टेड जोखिम की निगरानी करनी चाहिए और इसके साथ ही देश में वित्तीय समावेशन को और गहरा बनाने का प्रयास करना चाहिए।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के पहले एनबीएफसी शिखर सम्मेलन में सुब्रमण्यन ने एनबीएफसी को जोंबी ऋण देने के प्रति आगाह किया।
उन्होंने कहा, प्रत्येक एनबीएफसी को अपने रोलओवर जोखिम और इंटरकनेक्टेड जोखिम पर नजर रखने की जरूरत है।
भारत में एनबीएफसी सेगमेंट के रूप में उनका सुझाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र आईएल एंड एफएस संकट के बाद गंभीर तनाव में रहा है जो 2018 में प्रकाश में आया था।
सीईए ने प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग कहीं अधिक हो सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि यह वित्तीय क्षेत्र ही है, जिसे भारत की विकास गाथा (ग्रोथ स्टोरी) का नेतृत्व करना है।
एकेके/एसजीके
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RACHNA SAROVAR
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