नई दिल्ली, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि साइबर हमले से वैश्विक स्तर पर कई कंपनियों की प्रतिष्ठा से जुड़ा जोखिम बढ़ रहा है, क्योंकि ऐसे प्रकरण अधिक प्रचारित हो गए हैं।
इन प्रकरणों (घटनाओं) में कंपनी के आकार, क्षेत्र और ग्राहकों के साथ इनके संबंधों के आधार पर क्रेडिट जोखिमों की अलग-अलग डिग्री है।
मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा, जिन कंपनियों के ग्राहक आसानी से किसी प्रतियोगी के पास स्विच (दूसरे के पास चले जाना) कर सकते हैं या जिनकी व्यावसायिक गतिविधियां अधिक भरोसेमंद हैं, वे साइबर जोखिमों से उपजे प्रतिष्ठा से जुड़े जोखिम के प्रति अधिक अनाश्रित (इक्स्पोज्ड) हैं।
एजेंसी ने कहा है कि साइबर जोखिम लगातार बढ़ रहे हैं और साइबर अपराधी भी हमला करने वाले संगठनों की तेजी से पहचान कर रहे हैं।
एजेंसी ने कहा, अतीत में कई कंपनियों ने साइबर घटनाओं का खुलासा करने से परहेज किया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इस तरह के खुलासे आगे के हमलों को आमंत्रित कर सकते हैं या उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, साइबर अपराधी अब सार्वजनिक रूप से उन कंपनियों की पहचान कर रहे हैं, जिन पर वह हमला करते हैं और जब भी डेटा से कोई समझौता किया जाता है तो नए कानूनों और विनियमों के तहत कंपनियों को ग्राहकों और हितधारकों को सूचित करने की आवश्यकता होती है।
मूडीज ने कहा, इस खुलासे से ग्राहकों को कंपनी के साइबर ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में और उनके व्यापार निर्णयों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने की अनुमति मिलती है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिष्ठा को पहुंचने वाली क्षति अधिक नुकसानदायक है और यह किसी भी कंपनी के राजस्व को कमजोर कर सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, क्षतिग्रस्त प्रतिष्ठा के परिणामस्वरूप पूंजी की लागत (कोस्ट ऑफ कैपिटल) में वृद्धि, नियामक लागत और प्रतिभा को आकर्षित करने और काम पर रखने के लिए अतिरिक्त लागत हो सकती है। क्षतिग्रस्त प्रतिष्ठा वाली कंपनियां ग्राहकों, निवेशकों और अन्य समकक्षों का समर्थन भी खो सकती हैं, जिससे राजस्व में कमी हो सकती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है इन खतरों के लेकर कुछ कंपनियों के लिए वित्तीय नतीजे अलग-अलग हो सकते हैं।
एजेंसी ने हेल्थकेयर और वित्तीय संस्थानों को साइबर हमलों को लेकर विशेष रूप से संवेदनशील बताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के महीनों में बढ़ते खुलासों का सबसे बड़ा कारण आपराधिक व्यवहार में बदलाव है।
एकेके/जेएनएा
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RACHNA SAROVAR
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